चीन बच्चे पैदा करने पर 1.30 लाख रुपये क्यो दे रहा है, जानिए वजह

चीन में बच्चा पैदा करने पर ₹1.30 लाख देगी सरकार : वन चाइल्ड पॉलिसी की वजह से 7 साल में जन्मदर आधी हुई, 21% आबादी बुजुर्ग

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Why is China giving 1.30 lakh rupees for giving birth to a child

कूटनीति डेस्क चीन में बच्चा पैदा करने पर सरकार ने माता-पिता को 1.30 लाख रुपए देने का फैसला किया है। सरकार ने यह कदम जन्मदर में लगातार हो रही कमी को लेकर उठाया है।

चाइना डेली की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे के जन्म के बाद सरकार लगातार 3 साल तक माता-पिता को सालाना 3600 युआन (करीब 44,000 रुपए) देगी

चीन की 21% आबादी की उम्र 60 साल से ज्यादा है। चीन ने करीब एक दशक पहले अपनी विवादास्पद “वन चाइल्ड पॉलिसी” खत्म कर दी थी, लेकिन इसके बावजूद जन्म दर कम होती जा रही है।

दुनिया के बड़े देशों में चीन की जन्म दर सबसे कम है और यह लगातार घटती जा रही है। 2016 में चीन में 1.8 करोड़ बच्चे पैदा हुए थे। 2023 में यह संख्या 90 लाख पर आ गई।

सिर्फ 7 साल में चीन में बच्चे पैदा होने की रफ्तार में 50% फीसदी कमी आई। 2024 में इसमें थोड़ा इजाफा हुआ और यह 95 लाख हुई, लेकिन जनसंख्या में कुल गिरावट जारी रही क्योंकि मृत्यु दर जन्म दर से अधिक रही।

तीन साल से कम उम्र के बच्चों को मिलेगा फायदा

जिन माता-पिता के बच्चों की उम्र तीन साल से कम है, उन्हें सरकार हर साल नकद पैसे देगी। ये योजना 1 जनवरी 2025 से लागू मानी जाएगी। इसमें वो बच्चे भी शामिल होंगे जिनकी उम्र अभी तीन साल से कम है।

ऐसे बच्चे जिनके पास चीनी नागरिकता है, उन्हें तीन साल का होने तक प्रति वर्ष 3,600 युआन (करीब 502 अमेरिकी डॉलर) दिए जाएंगे।

अगर कोई बच्चा पहले पैदा हुआ है, लेकिन अभी तीन साल से छोटा है, तो उसे भी उतने महीने के हिसाब से पैसे मिलेंगे, जितने महीने वो इस योजना के दायरे में आता है

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि ये पहली बार है जब पूरे देश में एक जैसी बाल देखभाल सब्सिडी दी जा रही है। इससे लगभग दो करोड़ परिवारों को हर साल फायदा मिलने की उम्मीद है।

कई चीनी राज्य भी ऐसी स्कीम चला रहे

पहले चीन के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह की योजनाएं चलती थीं, जिनमें ज्यादातर सब्सिडी सिर्फ दूसरे या तीसरे बच्चे पर दी जाती थी, लेकिन इस नई योजना में पहले, दूसरे और तीसरे सभी बच्चों को बराबर मदद दी जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में चीन में पहले बच्चे के जन्म में सबसे ज्यादा गिरावट आई है, इसलिए ये योजना इस समस्या को भी ठीक करने में मदद करेगी।

साथ ही यह भी कहा गया कि केवल पैसे देने से ही जन्म दर नहीं बढ़ेगी, बल्कि इसे मातृत्व छुट्‌टी, बच्चों की देखभाल सेवाओं, स्कूलों और घर जैसी दूसरी सुविधाओं से भी जोड़ना जरूरी है।

सरकार की योजना है कि अगस्त 2025 के अंत तक पूरे देश में इस सब्सिडी के लिए आवेदन लेना शुरू कर दिया जाएगा। चीन सरकार अलग-अलग क्षेत्रों को उनके आर्थिक हालात के हिसाब से मदद देगी और स्थानीय सरकारें चाहें तो अपनी तरफ से सब्सिडी की राशि बढ़ा भी सकती हैं, लेकिन उसका खर्च उन्हें खुद उठाना होगा।

बच्चे की परवरिश के मामले में चीन महंगे देशों में से एक

बच्चों की परवरिश के मामले में चीन दुनिया के सबसे महंगे देशों में से एक है। यंग पॉपुलेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, एक बच्चे को 17 साल की उम्र तक पालने में औसतन 56 लाख रुपए खर्च होते हैं।

जनवरी में सरकारी आंकड़ों से पता चला कि 2024 में चीन की आबादी लगातार तीसरे साल घटी। 2024 में 95.4 लाख बच्चे पैदा हुए, जो पिछले साल से थोड़ा ज्यादा है।

वर्ल्ड बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के मुताबिक, 2100 तक चीन की आबादी घटकर लगभग 1 अरब या उससे भी कम रह सकती है। जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट चीन के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर बड़ा असर डाल सकती है।

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